भगवान्नाम बैंक के बारे में -

श्री  भगवन्नाम  बैंक की स्थापना संवत 2069 महाकाल सुदि द्वितीया दिनांक 21 जून 2012 के शुभ मुहूर्त में श्रीमद जगद्गुरु द्वाराचार्य श्री मलूक पीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज के कर कमलों से श्री मलूक पीठ आश्रम श्री धाम वृंदावन में हुई ।

अति दीन दुखी तथा आर्त भक्तों के उद्धार हेतु इस भगवन्नाम बैंक की स्थापना हुई इस मृत्युलोक में खासकर इस कलिकाल में सारा मानव जगत दुखों से ग्रसित एवं नाना प्रकार की कामनाओं व चिंताओं से युक्त है। यत्न करते करते पुरुषार्थ हीन तथा हताश हो जाते हैं परंतु कामना की सिद्धि,  चिंता  की निवृत्ति पूर्ण रूप से नहीं होती। यह  भगवन्नाम बैंक मानसिक संताप  की शांति,  चिंता की  निवृत्ति तथा अक्षय सुख की प्राप्ति हेतु स्थापित किया गया है ।

श्री भगवन्नाम बैंक आत्मा धार भक्ति ज्ञान धर्म अर्थ काम मोक्ष के साधन का एक सुगम अपूर्व तथा नवीन उपाय है। किसके द्वारा भक्तजन नाना प्रकार की सांसारिक चिंताओं और विपत्तियों से छूट जाते हैं।